MIS full form kya hai ? MIS फुल फॉर्म क्या है ? MIS क्या होता है ? मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम क्या है?

सखियों कई बार आप जब किसी कंपनी या सरकारी ऑफिस में कोई रिपोर्ट लेने गए हैं तो आपको बोलै गया होगा की MIS डिपार्टमेंट से जाके ले सकते हैं। सो आखिर ये MIS क्या होता है ? मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम क्या है? MIS full form kya hai ?

चलिए जानते हैं की MIS full form kya hai ? मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम क्या होता है !

MIS full form kya hai ? MIS फुल फॉर्म क्या है ?

सो सबसे पहले MIS शब्द का फुल फॉर्म समझते हैं।

MIS = Management Information System ( मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम )

मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम क्या है?

ओके , सो हमने इस शब्द का फुल फॉर्म तो जान लिया है पर ये है क्या ?

आपको बता दें की इसे प्रबंधन सूचना प्रणाली भी कहते हैं।

सो यह एक कंप्यूटर सिस्टम है जिसका उद्देश्य किसी भी संगठन ( प्राइवेट या सरकारी ) के विभिन्न विभागों से सूचना एकत्र करना , उसका संकलन करना और उस सूचना को इस रूप पे प्रस्तुत करना की मैनेजमेंट के लोग उसे समझ के सही फैसला ले सके।

सो मैंने इसे एक बहुत ही सरल भाषा में समझने की कोशिश की है।

MIS का उद्देश्य ( Aim of an MIS system )

सो अब देखते हैं की किसी भी MIS सिस्टम को क्यों बनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके बारे में !

डाटा को एकत्र करना : किसी भी संगठन ( प्राइवेट या सरकारी ) के विभिन्न विभागों से सूचना एकत्र करना , उसका संकलन करना और उस सूचना को इस रूप पे प्रस्तुत करना की मैनेजमेंट के लोग उसे समझ के सही फैसला ले सके।

डाटा / इनफार्मेशन को संग्रह करना : इसे अंग्रेजी में data storage कहते हैं। यह डाटा सर्वर पे संग्रह करके रखा जाता है जिससे इसे जब चाहे इस्तेमाल किया जा सके।

डाटा को प्रोसेस करना : जिस डाटा को रिकॉर्ड किया जाता है उसे यह रणनीतिक, योजना, आयोजन, नियंत्रण लेने के लिए संसाधित करता है।

MIS के फायदे – Management Information System ke phayde kya hain?

MIS का सबसे बड़ा फायदा यह है की इसके जरिये सही जानकारी , सही समय पर, सही लोगों तक पहुंच सके और मैनेजमेंट सही फैसला ले सके।

MIS के कई फायदे हैं और आइये हम इन फायदों को थोड़ा और डिटेल में देखते हैं।

  • रिकॉर्ड को मेंटेन करना – MIS सिस्टम के जरिए हम किसी भी काम को आसानी से कर सकते हैं। जैसे किसी एम्प्लोयी की कोई जानकारी को maintain करना।
  • निर्णय लेना आसान (Decision Making): MIS सिस्टम की मदद से आप सभी अलग-अलग जगहों से DATA को एकत्रित करते हैं तथा डाटा को आसानी से समझ कर उसकी जांच करते हैं जिससे किसी भी कंपनी के लिए कोई भी निर्णय लेना आसान हो जाता है।
  • संचार में आसानी (Communication) : MIS उपयोगकर्ता को कई तरह की सुविधाएं प्रदान करता है। यह यह Email और SMS की सुविधा भी प्रदान करता है जिनके माध्यम से कोई भी कंपनी अपने क्लाइंट के साथ आसानी से बातचीत कर पाती है।

MIS के विभिन्न पहलू क्या है ?

नीचे दिए MIS के विभिन्न पहलुओं पे ध्यान दें !

  • Management:- MIS का पहला तत्व प्रबंधन (Management) है। जिसके अंतर्गत किसी संगठन के लोग एक साथ मिलकर उस संगठन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए कार्य करते हैं। इसके अंतर्गत निर्णयकर्ता या Decision Makers, सारे मैनेजमेंट कार्य को संभालते हैं। आप यह तो जानते ही होंगे कि मैनेजमेंट के अंतर्गत प्लानिंग, ऑर्गेनाइजिंग और कंट्रोलिंग जैसे तीन प्रमुख कार्य किए जाते हैं।
  • Planning: प्लैनिंग मैनेजमेंट का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके अंतर्गत इस बात का निर्धारण किया जाता है कि संगठन के उद्देश्य क्या है? तथा इन उद्देश्यों को संगठन किस तरह से पूरा किया जाने वाला है।
  • Organizing: इसमें प्लानिंग के तहत जो रणनीतियां बनाई जाती है उस रणनीति को Assign किया जाता है। बिना Organize किए किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं की जा सकती।
  • Controlling: MIS का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसमें सभी activities को मापा जाता है।
  • Information:- सूचना प्रत्येक संगठन के लिए जरूरी होता है क्योंकि जिस तरह बिना ईंधन के कोई गाड़ी नहीं चल सकती। इसी ठीक तरह बिना सूचना के कोई Organization ठीक से नहीं चल सकता।
  • System:- सिस्टम के जरिए Information Data में संसाधित होता है। यह सभी सूक्ष्म आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं तब एक दूसरे पर निर्भर करते हैं जिससे एक कॉन्प्लेक्स इकाई बनती है।

दोस्तों मैंने बहुत सरल भाषा में समझाने की कोशिश की है MIS को। उम्मीद करती हूँ की आपको यह जानकारी फायदेमंद लगी होगी !

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